संज्ञा ( भेद, परिभाषा और उदहारण ) Sang-ya in Hindi Grammar
संज्ञा की परिभाषा:- किसी व्यक्ति ( प्राणी ) वस्तु , स्थान , अथवा भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते है। जैसे – श्याम , दिल्ली , आम , मिठास, गाय आदि।
श्याम खाना खा रहा है = श्याम व्यक्ति का नाम है।
अमरुद में मिठास है = अमरूद फल का नाम है।
घोडा दौड़ रहा है = घोड़ा एक पशु का नाम है।
संज्ञा के तीन भेद है (व्यक्तिवाचक , जातिवाचक , भाववाचक संज्ञा)
आइये सभी भेद को बारीकी से उदाहरण के साथ समझते हैं:-
अलंकार की परिभाषा, भेद, प्रकार और उदाहरण सहित पूरी जानकारी
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा ( PROPERNOUN )
वह शब्द जो किसी एक व्यक्ति , वस्तु , स्थान आदि का बोध करवाता है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे –
- राम – व्यक्ति का नाम है
- श्याम – व्यक्ति का नाम है
- टेबल – बैठक का एक साधन है किन्तु एक नाम को सूचित कर रहा है इसलिए यह व्यक्तिवाचक है।
- कुर्सी – बैठक का एक साधन है किन्तु एक नाम को सूचित कर रहा है इसलिए यह व्यक्तिवाचक है।
- कार – यातायात का एक साधन है , किन्तु सम्पूर्ण यातायात नहीं है कार एक माध्यम है।इसके कारन यह एक व्यक्ति को इंगित कर रहा है।
- दिल्ली – एक राज्य है किन्तु पूरा देश नहीं इसलिए यह व्यक्तिवाचक है।
- मुंम्बई – एक राज्य है किन्तु पूरा देश नहीं इसलिए यह व्यक्तिवाचक है।
2 जातिवाचक संज्ञा ( COMMON NOUN )
जो शब्द संज्ञा किसी जाति , का बोध करवाता है वह जातिवाचक संज्ञा कहलाता है। जैसे –
लड़का , लड़की , नदी , पर्वत आदि।
जातिवाचक संज्ञा के दो भेद है => १ द्रव्यवाचक संज्ञा २ समूह वाचक संज्ञा।
१ द्रव्यवाचक संज्ञा ( MATERIAL NOUN )
जिस संज्ञा शब्दों से किसी धातु , द्रव्य , सामग्री , पदार्थ आदि का बोध हो , उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। जैसे –
- गेहूं – भोजन की सामाग्री है।
- चवल – भोजन की सामाग्री है।
- घी – भोजन की सामाग्री है।
- सोना – आभूषण के लिए एक द्रव्य या पदार्थ है।
- चांदी – आभूषण के लिए एक पदार्थ है।
- तांबा – एक धातु है।
- ऊन – ऊन वस्त्र बनाने की एक सामाग्री है।
२ समूह वाचक संज्ञा ( COLLECTIVE NOUN )
जिन संज्ञा शब्दों से किसी एक व्यक्ति का बोध न होकर पुरे समूह / समाज का बोध हो वह समूह वाचक / समुदायवाचक संज्ञा होता है। जैसे –
- सेना – सेना में कई सैनिक होते है। यहाँ समूह की बात हो रही है।
- पुलिस – पुलिस हर स्थान , राज्य , देश में होते है। उसी बड़े रूप को इंगित किया जा रहा है।
- पुस्तकालय – पुस्तकालय में अनेक पुस्तक होते है। यहाँ किसी एक पुस्तक की बात नहीं हो रही है।
- दल – अनेक व्यक्तिों से मिलकर एक दल , या समूह का निर्माण होता है।
- समिति – अनेक व्यक्तिों से मिलकर एक समिति , या समूह का निर्माण होता है।
- आयोग – आयोग का गठन किसी खास उद्देश्य के लिए किया जाता है , इसमें अनेक सदस्य होते है।
- परिवार – एक परिवार में अनेक सदस्य हो सकते है यहाँ तक की 2 -3 पीढ़ी भी।
3 भाववाचक संज्ञा ( ABSTRACT NOUN )
जिन संज्ञा शब्दों से पदार्थों की अवस्था , गुण – दोष , धर्म , दशा , आदि का बोध हो वह भाववाचक संज्ञा कहलाता है। जैसे –
- बुढ़ापा – बुढ़ापा जीवन की एक अवस्था है।
- मिठास – मिठास मिठाई का गुण है।
- क्रोध – क्रोध एक भाव या दशा है।
- हर्ष – हर्ष एक भाव या दशा है।
- यौवन – यौवन स्त्री की एक दशा है।
- बालपन – बालपन बालक का गुण है अथवा एक दशा और अवस्था है।
- मोटापा – मोटापा एक अवस्था है जो मोटापे का इंगित करता है।
संज्ञा की पहचान कैसे करें?
कुछ संज्ञा शब्द प्राणीवाचक होता है , तो कुछ शब्द अप्राणिवाचक। कुछ शब्द गणनीय होती है तो कुछ शब्द अगणनीय।
१ प्राणीवाचक sangya –
वह शब्द जिससे किसे सजीव वस्तु का बोध हो जिसमे प्राण हो उसे प्राणीवाचक संज्ञा कहते है जैसे –
- लड़का
- गाय
- रमेश
- चिड़िया आदि उपरोक्त सभी में प्राण है इस कारण यह प्राणीवाचक संज्ञा कहलाता है।
२ अप्राणिवाचक sangya –
जिस वस्तु , में प्राण न हो वह अप्राणिवाचक संज्ञा कहलाता है जैसे –
- मेज
- रेलगाडी
- मकान
- पुस्तक
- पर्वत
उपरोक्त शब्दों में प्राण / या सजीव नहीं है। इसलिए यह अप्राणिवाचक संज्ञा है।
३ गणनीय sangya –
जिस व्यक्ति , वस्तु , पदार्थ आदि की गणना की जा सकती है। उसकी सांख्या ज्ञात की जा सकती है वह शब्द गणनीय sangya कहलायेगा। जैसे –
- लड़का
- पुस्तक
- भवन
- गाय
- केले
४ अगणनीय sangya –
जिस व्यक्ति , वस्तु , पदार्थ आदि की गणना नहीं की जा सकती है। उसकी सांख्या ज्ञात नहीं की जा सकती है वह शब्द अगणनीय संज्ञा कहलायेगा। जैसे –
- दूध
- पानी
- हवा
- मित्रता अादि
भाववाचक शब्दों का निर्माण संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , और अवयव के द्वारा।
संज्ञा ( NOUN ) से भाववाचक शब्दों का निर्माण –
पुरुष – पुरुषत्व
नारी – नारीत्व
बालक – बालकत्व
मित्र – मित्रता
दास – दासत्व
क्षत्रिय – क्षत्रित्व
पशु – पशुत्व
बंधू – बंधुत्व
सती – सतीत्व
पंडित – पांडित्य
सर्वनाम ( PRONOUN ) से भाववाचक शब्दों का निर्माण –
अपना – अपनत्व
निज – निजत्व
सर्व – सर्वस्व
पराया – परायापन
अहं – अहंकार
स्व – स्वत्व
मम – ममत्व
विशेषण ( ADJECTIVE ) से भाववाचक शब्दों का निर्माण –
सुन्दर – सुंदरता
वीर – वीरता
मीठा – मिठास
निर्बल – निर्बलता
मधुर – मधुरता
प्रवीण – प्रवीणता
सफल – सफलता
चतुर – चातुर्य
दुर्बल – दुर्बलता
सुन्दर – सुंदरता
अवयव से भाववाचक शब्दों का निर्माण –
खेलना – खेल
निकट – निकटता
थकान – थकावट
हंसी – हंसना
लेख – लिखना
उतरना – उतराई
मेल – मिलान
कमाना – कमाई
संज्ञा का पद परिचय दीजिये
संज्ञा का पद परिचय देते समय वाक्य में आये प्रत्येक शब्द को अलग – अलग करके उसका परिचय बताना चाहिए जैसे –
” राम ने रावण को वाण से मारा “
राम – संज्ञा , व्यक्तिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ताकारक।
रावण – sangya , व्यक्तिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , कर्मकारक ।
वाण – sangya , व्यक्तिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , करण कारक ( साधन रूप में ) ।
संज्ञा – शब्द और पद
सार्थक वर्ण-समूह शब्द कहलाता है, किंतु जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है तो वह व्याकरण के नियमों में बँध जाता है और इसका रूप भी बदल जाता है। जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो उसे शब्द न कहकर पद कहा जाता है। हिन्दी में पद पाँच प्रकार के होते हैं-
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
- अव्यव
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए-
1 रमेश कल कोलकाता जाएगा ।
2 वह पुस्तक पढ़ रहा है ।
3 शेर दहाड़ता है ।
4 ईमानदारी अच्छी बात है ।
5 इसकी ऊंचाई देखो ।
उपर्युक्त वाक्यों में –
रमेश एक व्यक्ति का नाम है
कोलकाता एक शहर का नाम है
पुस्तक एक वस्तु का नाम है
शेर एक जानवर का नाम है
ईमानदारी एक भाव का नाम है
ऊंचाई से ऊंचा होना भाव प्रकट होता है ।
यह सभी पद संज्ञा है । संज्ञा पद का अर्थ ही है – नाम।
संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति ,प्राणी ,वस्तु ,स्थान, भाव आदि के नाम के स्वरूप में प्रयुक्त होते हैं ।
इस की पहचान निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर संज्ञा को पहचाना जाता है –
1 कुछ शब्द प्राणी वाचक होते हैं और कुछ प्राणी वाचक ।
* प्राणी वाचक शब्द – बच्चा ,भैंस ,चिड़िया ,आदमी , रमेश आदि ।
* प्राणी वाचक शब्द – पुस्तक, मकान, रेलगाड़ी, रोटी, पर्वत आदि।
2 कुछ शब्दों की गिनती की जा सकती है और कुछ की गिनती नहीं की जा सकती
जैसे – आदमी, पुस्तक ,केला की गणना की जा सकती है, इसलिए यह गणनीय है ।और दूध ,हवा ,प्रेम की गणना नहीं की जा सकती इसलिए यह अगणनीय है।
संज्ञा के महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1 संज्ञा के कितने भेद है ?
१ 3
२ 4
३ 5
४ 6
प्रश्न 2 स्त्रीत्व शब्द में कौन सी संज्ञा है ?
१ जातिवाचक संज्ञा
२ भाववाचक संज्ञा
३ व्यक्तिवाचक संज्ञा
४ द्रव्यवाचक संज्ञा
प्रश्न 3 निम्नलिखित में से कौन सा शब्द संज्ञा है ?
१ कुध
२ क्रोधी
३ क्रोध
४ क्रोधित
प्रश्न 4 भाववाचक sangya की पहचान करिये।
१ लड़कापन
२ लड़काई
३ लड़कपन
४ लड़काईपन
प्रश्न 5 व्यक्तिवाचकsangya की पहचान करिये।
१ गाय
२ पहाड़
३ यमुना
४ आम
प्रश्न 6 जातिवाचक sangya की पहचान करिये।
१ जवान
२ सुन्दर
३ बालक
४ मनुष्य
उत्तर –
- 1 (3 )
- 2 ( भाव वाचक संज्ञा )
- 3 ( क्रोध )
- 4 (लड़कपन )
- 5 (यमुना )
- 6 ( जवान )
लिंग (GENDER )
जो शब्द स्त्री व पुरुष में भेद उत्त्पन्न करता है उसे लिंग कहते है।
” वह शब्द जिससे किसी व्यक्ति , वस्तु , आदि में स्त्री – पुरुष होने का ज्ञान हो उसे लिंग कहते हैं।” लिंग दो प्रकार के होते हैं – १ पुल्लिंग २ स्त्रीलिंग।
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
लड़का लड़की
कवी कवियत्री
नाई नाऊन
अभिनेता अभिनेत्री
साधु साध्वी
लेखक लेखिका
विद्वान विदुषी
चूहा चुहिया
शेर शेरनी
बन्दर बंदरिया
सुनार सुनारीन
हाथी हथनी
नौकर नौकरानी
देवर देवरानी
शिष्य शिष्या
लिंग पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न –
प्रश्न 1 गाढ़े किये हुए शब्दों में निहित लिंग की पहचान कीजिये।
१ ‘ राम ‘ स्कुल गया।
२ ‘ सीता ‘ गाना गा रही है।
३ ‘ घोडा ‘ भाग रहा है।
४ ‘ माँ ‘ ममता की मूरत होती है।
प्रश्न 2 लिंग बदले
१ नायक
२ लेखक
३ सेवक
४ स्वामी
५ गायक
६ युवा
७ वर
८ श्रीमान
९ माता
१० राजा
उत्तर 1
- १ पुल्लिंग
- २ स्त्रीलिंग
- ३ पुल्लिंग
- ४ स्त्रीलिंग
उत्तर 2
- १ नायिका
- २ लेखिका
- ३ सेविका
- ४ स्वामिनी
- ५ गायिका
- ६ युवती
- ७ वधु
- ८ श्रीमती
- ९ पिता
- १० रानी।
वचन
हिंदी में मुख्य रूप से एकवचन और बहुवचन को मान्यता प्राप्त है। जहां किसी एक व्यक्ति को इंगित किया जा रहा हो वहां एकवचन अथवा जहां पूरे समाज को इंगित किया गया हो वहां बहुवचन होता है।
” जिस शब्द से एक या अनेक होने का बोध होता है उसे वचन कहते हैं “
कारक के कुछ महत्वपूर्ण उदहारण –
एकवचन बहुवचन
पुस्तक पुस्तकें
माला मालाएं
गाय गायें
मकान मकानों
बहन बहने
माता माताओं
फल फलों
सब्जी सब्जियां
बच्चा बच्चें
खिड़की खिड़कियां
नदी नदियां
गुड़िया गुड़ियाँ
सेना सेनाएँ
कथा कथाओं
बहु बहुएँ
वचन का वाक्य में प्रयोग –
१ उसकी बेटी स्कुल जाती है – उसकी बेटियां स्कुल जाती है।
२ मिठाई पर मक्खी बैठी है। – मिठाइयों पर मक्खियाँ बैठी है।
३ क्षात्र पाठशाला में पढ़ते हैं – क्षात्रों का अध्ययन पाठशालाओं में होता है।
वचन से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्र्शन –
प्रश्न 1 कौन सा शब्द बहुवचन है।
१ माता
२ प्राण
३ लड़का
४ किताब
प्रश्न 2 निम्मनलिखित में कौन सा शब्द पुल्लिंग है ?
१ कपट
२ सुंदरता
३ मूर्खता
४ निद्रा
प्रश्न 3 ‘ गीदड़ ‘ का स्त्रीलिंग क्या होगा ?
१ गीदडीन
२ गिदडनी
३ गीदड़ी
४ गड़रिया
प्रश्न 4 ‘ नेत्री ‘ का पुल्लिंग शब्द क्या होगा ?
१ नेता
२ नेतृ
३ नेतीन
४ नेताइन
उत्तर
- 1 प्राण
- 2 कपट
- 3 गिदडनी
- 4 नेता
कारक की परिभाषा
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से सीधा संबंध क्रिया के साथ ज्ञात हो वह कारक कहलाता है। वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिससे पूरी घटना या उद्देश्य की पूर्ति हो , उसे कारक कहते हैं। जैसे –
राम ने रावण को ” बाण “से मारा – बाण कारक है।
मैं ” कलम से ” लिख रहा हूं – कलम कारक है।
पेड़ से ” फल ” गिरते हैं – फल कारक है।
सीता ‘ भूख ‘ लगने पर रोती है – भूख कारक है।
वह ” गांव ” चला गया – गांव कारक है।
अर्जुन ने ” जयद्रथ को ” मार डाला – जयद्रथ को कारक है।
कारक चिन्ह प्रयोग / विभक्ति
कर्ता ( NOMINATIVE CASE ) – ने [ राम ने रावण को मारा , लड़की स्कूल जाती है। ]
कर्म ( OBJECTIVE CASE ) – को [ लड़की ने सांप को मारा , मोहन ने पत्र लिखा। ]
करण ( INSTRUMENTEL CASE) – से , के , साथ , [ अर्जुन ने जयद्रथ को बाण से मारा , बालक गेंद से खेल रहे हैं। ]
संप्रदान ( DATIVE CASE ) – के , लिए , [ गुरुजी को फल दो। ]
अपादान ( ABLATIVE CASE ) – से , [ बच्चा छत से गिर पड़ा , संगीता घोड़े से गिर पड़ी। ]
संबंध ( RELATIVE CASE ) – का , के , की [ वह मोहन का बेटा है , यह कमला की गाय है। ]
अधिकरण ( LOCATIVE CASE ) – में , पर [ भंवरा फूलों पर मंडरा रहा है। ]
संबोधन ( VOCATIVE CASE ) – हे ! हरे ! [ अरे भैया कहां जा रहे हो , हे राम ! ( संबोधन )]
कारक के महत्वपूर्ण पहचान –
कर्ता – क्रिया को संम्पन करने वाला।
कर्म – क्रिया से प्रभावित होने वाला।
करण – क्रिया का साधन या उपकरण।
सम्प्रदान – जिसके लिए कोई क्रिया संम्पन की जाय।
अपादान – जहाँ अलगाव हो वहां ध्रुव या स्थिर में अपादान होता है।
संबंध – जहाँ दो पदों का पारस्परिक सम्बन्ध बताया जाए।
अधिकरण – जो क्रिया के आधार ( स्थान , समय , अवसर ) का बोध करवाय।
सम्बोधन – किसी को पुकार का सम्बोधन किया जाये।
करक से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्र्रशन –
प्रश्न 1 रेखांकित पद में कौन सा कारक है ?
आज ” मुंम्बई ” में खेल होगा
१ करण कारक
२ अधिकरण कारक
३ कर्म कारक
४ संबंध कारक
प्रश्न 2 रेखांकित पद में कौन सा कारक है ?
” चिड़िया ” छत पर बैठी है।
१ सम्बन्ध कारक
२ कर्म कारक
३ अधिकरण कारक
४ सम्प्रदान कारक
प्रश्न 3 रेखांकित पद में कौन सा कारक है ?
मालिक ने ” नौकर को ” वेतन दिया
१ कर्म कारक
२ करण कारक
३ सम्प्रदान कारक
४ अपादान कारक
प्रश्न 4 रेखांकित पद में कौन सा कारक है ?
प्रेरणा ने ” भिखारी को “ रोटी दी
१ सम्प्रदान कारक
२ कर्म कारक
३ करण कारक
४ सम्बन्ध कारक
प्रश्न 5 रेखांकित पद में कौन सा कारक है ?
बालक ” फल ” खता है।
१ कर्ता कारक
२ सम्बन्ध कारक
३ अपादान कारक
४ कर्म कारक
उत्तर
- -अधिकरण कारक
- अधिकरण कारक
- सम्प्रदान कारक
- सम्प्रदान कारक
- कर्ता कारक